अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन

ग्वालियर :- अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ट्रस्ट के गठन का एलान किया। 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के नाम से गठित इस 15 सदस्यीय ट्रस्ट में एक ट्रस्टी अनिवार्य रूप से दलित होगा। ट्रस्ट के डीड में ही इसके नौ सदस्यों के नाम दे दिए गए हैं, जिनमें रामलला को सुप्रीम कोर्ट में जीत दिलाने वाले रामभक्त के. परासरन का नाम सबसे ऊपर है। इसके साथ ही 1989 में राम मंदिर का शिलान्यास करने वाले दलित कामेश्वर चौपाल का भी नाम इसमें शामिल है। लेकिन इस कवायद से निर्मोही अखाड़ा खुश नही है, उसका प्रतिनिधि मंडल दिल्ली में फिर से पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकत कर रहा है। साथ ही अखाड़े के पांच सदस्यों को ट्रस्ट से लेकर, सेवा पूजा, निर्माण और प्रबंधन में रखने की मांग कर रहा है। निर्मोही अखाड़े के साधु संतों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अखाड़े की ओर एक सदस्य को शामिल किया वो गलत है। क्योंकि निर्मोही अखाड़ा सबसे पहले कोर्ट गया था। साथ ही उसने उस विवादित जमीन पर राममंदिर होने की बात कही थी। ऐसे में अखाड़े से केवल एक व्यक्ति को लेने से अखाड़े के लोगों में अक्रोश है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निर्मोही अखाड़े के प्रतिनिधि के रूप में महंत दीनेंद्र दास को भी ट्रस्ट में शामिल किया गया है। लेकिन केंद्र सरकार के कहने पर ग्वालियर में निर्मोही अखाड़े के पंच, सरपंच और उपसरपंच ने बैठक आयोजित की थी। जिसमें 15 सदस्यों को विभिन्न पदों पर रखने की मांग की थी। लेकिन अब निर्मोही अखाड़े के संत कह रहे है, कम से कम 5 सदस्यों को अखाड़े में रखना ही होगा।